Mamta Pathak chemistry professor mp murder viral video husband electrocution case

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जबलपुर बेंच ने एक मामले की सुनवाई की जिसकी सुनवाई की वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है. यह केस एक 65 वर्षीय ममता पाठक केमिस्ट्री प्रोफेसर से जुड़ा है जो आजीवन कारावास की सजा काट रही है और फिलहाल जमानत पर है. महिला पर साल 2021 में अपने पति नीरज पाठक का मर्डर करने का आरोप है.

मामले की सुनवाई में महिला सफेद साड़ी में जज के सामने अकेले खड़ी थी और अपना केस खुद लड़ रही थी. हालांकि, ममता पाठक वकील नहीं हैं, लेकिन पूर्व केमिस्ट्री प्रोफेसर ने जोर देकर कहा कि उन्हें छतरपुर जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर, 63 वर्षीय अपने पति नीरज पाठक की 2021 की हत्या के संबंध में अपनी अपील पर बहस करने के लिए किसी की जरूरत नहीं है.

कौन है ममता पाठक?

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने पिछले महीने सुनवाई के दौरान ममता से पूछा, आपके खिलाफ आरोप यह है कि आपने अपने पति की बिजली का झटका देकर हत्या की है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बिजली के झटके के संकेत थे. इस सवाल के जवाब में ममता ने अपना बचाव करते हुए कहा, पोस्टमॉर्टम के दौरान थर्मल और इलेक्ट्रिक बर्न के निशानों के बीच सिर्फ उन्हें देखकर अंतर करना संभव नहीं है. उन्होंने आगे समझाया कि शरीर पर पाए गए जले के निशान को हटाने और उसके सोर्स का पता लगाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करने की जरूरत है.

ममता पाठक का जवाब सुनने के बाद जज ने उनसे फौरन पूछा, क्या आप केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं? इस पर उन्होंने कहा कि हां वो केमिस्ट्री की प्रोफेसर हुआ करती थीं. साथ ही उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि पोस्टमॉर्टम में यह कैसे बताया गया है कि यह बिजली से जलने का निशान है.

क्या है केस?

डॉक्टर नीरज पाठक 29 अप्रैल, 2021 को, मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर में अपने लोकनाथपुरम घर में मृत पाए गए थे. शव की जांच के अनुसार मौत की वजह बिजली का झटका था. कुछ ही दिनों में, उनकी पत्नी ममता, जो एक स्थानीय सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर थीं उनको डॉ. पाठक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या की सजा) के तहत आरोप लगाया गया.

हालांकि, ममता पाठक अप्रैल में अदालत में अपना प्रतिनिधित्व खुद कर रही हैं. ममता पाठक को हत्या का दोषी पाया गया और साल 2022 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाल ही में अदालत में अपना बचाव करते हुए उनकी एक छोटी क्लिप ने सोशल मीडिया पर कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है.

मध्य प्रदेश पुलिस ने ममता पाठक को अपने पति, रिटायर सरकारी डॉक्टर 63 वर्षीय नीरज पाठक को नींद की गोलियां देकर और कथित तौर पर बिजली के झटके देकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

कैसे बढ़ा शक?

इसके अलावा ममता पाठक पति की मृत्यु के अगले दिन अपने मृत पति के बारे में किसी को बताए बिना सुबह अपने बेटे के साथ घर छोड़ कर डायलिसिस के लिए छतरपुर शहर से 100 किलोमीटर से अधिक दूर झांसी चली गई थी. वो झांसी चली गई थी और उन्होंने बाद में दावा किया था कि जब वो वापस लौटी तो उसने अपने पति को मृत पाया था. हालांकि, पुलिस को नीरज पाठक का ऑडियो मिला, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि उसकी पत्नी उसे प्रताड़ित करती है.

पुलिस ने चार्जशीट में क्या कहा?

पुलिस ने चार्जशीट में कहा, ममता को पता चला था कि नीरज पाठक किसी दूसरी महिला के साथ रिश्ते में है. ममता ने जनवरी 2021 में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी कि उसका पति उसे खाने में गोलियां मिलाकर देता था ताकि वह किसी दूसरी महिला से मिल सके. हालांकि, बाद में ममता ने शिकायत वापस ले ली थी.

एक सेशन कोर्ट ने उसे हत्या का दोषी पाया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उन्होंने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पिछले साल उन्हें जमानत मिल गई. हाल ही में हुई सुनवाई में ममता पाठक ने जज विवेक अग्रवाल और जज देवनारायण मिश्र की बेंच के सामने अपना पक्ष रखा. पिछली सुनवाई के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जबकि प्रोफेसर जमानत पर ही है.

Leave a Comment